एंटीलिया केस में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की एंट्री: NIA ने प्रदीप शर्मा को पूछताछ के लिए बुलाया; सचिन वझे और विनायक उनके करीबी, वझे को पॉलिटिक्स भी ज्वाइन कराई
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एंटीलिया और मनसुख मर्डर केस में बुधवार को NIA ने पूर्व ACP एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा से पूछताछ की। NIA जानना चाहती है कि क्या प्रदीप शर्मा, सस्पेंडेड API सचिन वझे और पूर्व कॉन्स्टेबल विनायक शिंदे शर्मा के संपर्क में थे। इसी से जुड़े मनसुख हिरेन की हत्या के केस में अरेस्ट किया गया पूर्व कॉन्स्टेबल विनायक शिंदे भी शर्मा का करीबी रहा है।
शिवसेना के टिकट पर चुनाव लड़ चुके शर्मा ठाणे की एंटी एक्सटॉर्शन सेल में रह चुके हैं। 90 के दशक में उन्हें मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम में शामिल किया गया। इस टीम को अंडरवर्ल्ड के सफाए का जिम्मा सौंपा गया था। यहीं से शर्मा एनकाउंटर स्पेशलिस्ट बने।
4 सवालों के जवाब से समझिए गुरू-चेलों और केस का कनेक्शन
1. शर्मा NIA के रडार पर क्यों आए?
सूत्रों के मुताबिक, NIA के पास प्रदीप शर्मा और सचिन वझे की एक मीटिंग की जानकारी है। जांच के दौरान एजेंसी को पता चला कि मनसुख के मर्डर से कुछ दिन पहले वझे ने अंधेरी इलाके में एक व्यक्ति से मुलाकात की। प्रदीप शर्मा भी इसी इलाके में रहते हैं। शक है कि मीटिंग वझे और शर्मा के बीच हुई। एक CCTV फुटेज में वझे और शिंदे बांद्रा वर्ली सी लिंक पर कार में बैठे दिखाई दिए। एजेंसी का मानना है कि ये दोनों अंधेरी में शर्मा से मिलने ही जा रहे थे। मनसुख को जिस नंबर से कॉल कर बुलाया गया, उसका आखिरी लोकेशन भी अंधेरी का जेबी नगर था। NIA ने वझे को साथ लेकर 3 अप्रैल की रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक अंधेरी में कई इलाकों में छापे भी मारे थे।
2. NIA शर्मा से क्या जानना चाहती है?
NIA जानना चाहती है कि शर्मा ने आखिरी बार वझे से मुलाकात कब की? क्या शर्मा के नौकरी छोड़ने के बाद भी वझे उनके संपर्क में था? क्या शर्मा की वझे और शिंदे के साथ मीटिंग हुई? क्या वझे और शिंदे ने शर्मा से मनसुख हिरेन के बारे में कोई बात कही थी?
3. वझे और शर्मा का क्या कनेक्शन है?
2007 में जब वझे को सस्पेंड किया गया था, उसके बाद उसने शिवसेना ज्वाइन की थी। माना जाता है वझे की शिवसेना में एंट्री करवाने वाले शर्मा ही थे। शर्मा को ही वझे का गुरू कहा जाता है। वे खुद नालासपोरा विधानसभा से शिवसेना के टिकट पर 2019 में चुनाव लड़ चुके हैं।
4. शर्मा के कितने करीब है विनायक शिंदे?
उधर, शिंदे 10 साल तक उसी एनकाउंटर टीम का हिस्सा रहा, जिसमें शर्मा भी थे। छोटा राजन के गुर्गे लखन भैया का फर्जी एनकाउंटर करने का आरोप शर्मा, शिंदे समेत पूरी टीम पर लगा था। आरोप था कि मुंबई के बिल्डर जनार्दन भांडे से पैसा लेने के बाद लखन का एनकाउंटर किया गया। शर्मा को सस्पेंड भी किया गया था, लेकिन बाद में वे कोर्ट से बरी हो गए थे। विनायक इसी मामले में गिरफ्तार किया गया था। वह परोल पर बाहर आया था और इसी दौरान मनसुख मर्डर केस सामने आया।
35 साल पुलिस महकमे में रहे शर्मा
उत्तर प्रदेश में जन्मे और धुले (महाराष्ट्र) में आकर बसे प्रदीप शर्मा ने 35 साल की पुलिस सर्विस में 112 एनकाउंटर किए। 100 से ज्यादा एनकाउंटर करने वाले वे देश के पहले पुलिसकर्मी हैं। मई 2020 में उन्होंने महाराष्ट्र पुलिस विभाग छोड़ दिया। इसके बाद वे अपना NGO पीएस फाउंडेशन चलाते हैं।

कई विवादों में प्रदीप शर्मा का नाम
- प्रदीप शर्मा और उनके सहयोगियों की हिरासत में 2003 में एक संदिग्ध आतंकवादी ख्वाजा यूनुस की मौत हो गई, जिसके बाद उन्हें अमरावती ट्रांसफर कर दिया गया था।
- 2008 में माफिया के साथ कनेक्शन और फर्जी एनकाउंटर के आरोपों के बाद उन्हें बर्खास्त भी कर दिया गया था। प्रदीप शर्मा ने कानूनी लड़ाई जीती और उन्हें 2016 में पुलिस बल में फिर से बहाल कर दिया गया।