‘अलीगढ़’ के राइटर का ब्रेकअप: 14 साल बाद गे पार्टनर सिद्धांत से अलग हुए अपूर्व असरानी, कभी संबंध छुपाने के लिए एक-दूसरे को बताते थे कजिन
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स्क्रिप्ट राइटर और नेशनल अवॉर्ड विनर फिल्म एडिटर अपूर्व असरानी 14 साल तक साथ रहने के बाद पार्टनर सिद्धांत से अलग हो गए हैं। शनिवार को उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “भारी मन से सूचित कर रहा हूं कि सिद्धांत और मैं सेपरेट हो गए हैं। मैं जानता हूं कि हमें LGBT कम्युनिटी में कई लोगों के रोल मॉडल के तौर पर देखा गया है और इससे कई लोगों को निराशा होगी। लेकिन मैं बताना चाहूंगा कि इन 14 साल का हर दिन जरूरी और कीमती था और हम सौहार्दपूर्ण तरीके से अलग हुए हैं।”
अपूर्व ने और क्या लिखा ब्रेकअप नोट में
अपूर्व ने आगे लिखा है, “भारत में समलैंगिक जोड़ों के लिए कोई रिफ्रेंस और रोल मॉडल नहीं है, जिनसे प्रेरणा ली जा सके। हमने उस रास्ते पर गलतियां की, जो हमने चुना था। लेकिन हम भारत की पहली पीढ़ी हैं, जो अपने प्यार को शिद्दत और हिम्मत से जीते हैं। इसलिए मैंने यह बिना किसी पछतावे के लिखा है।”
प्राइवेसी का सम्मान करने की अपील की
अपूर्व ने अंत में लोगों से उनकी प्राइवेसी और भावनाओं का सम्मान करने की अपील की है। उन्होंने लिखा है, “प्लीज हमें अपने मैसेजेस में टैग न करें। यह बहुत मुश्किल दौर है। मैं यह कहकर समापन करना चाहूंगा कि अभी उम्मीद बाकी है। सिद्धांत के लिए, मेरे लिए और उन सबके लिए, जो हमसे प्यार, कमिटमेंट और सुरक्षित घर चाहते हैं। विशवास करना मत छोड़िए।”
13 साल तक एक-दूसरे को कजिन बताया
अपूर्व ने सालभर पहले ही सिद्धांत के साथ मुंबई में घर खरीदा था। तब उन्होंने इस बात की घोषणा करते हुए लिखा था, “13 साल तक हम एक-दूसरे को कजिन बताते रहे, ताकि हमें साथ रहने के लिए घर किराये पर मिल सके। हमें कहा गया था कि घर के पर्दे बंद रखें, ताकि पड़ोसियों को यह पता न चले कि आपका रिश्ता क्या है? हाल ही में हमने अपना घर खरीदा है। अब हम पड़ोसियों को खुलकर कह सकते हैं कि हम पार्टनर हैं। अब समय आ गया है, जब एलजीबीटीक्यू परिवारों को सामान्य रूप से अपना लिया जाए।”
जब ‘गे’ होने पर अपूर्व ने रखी बात
2018 में एक इंटरव्यू में अपूर्व ने बताया था कि समाज में ‘गे’ को कैसे देखा जाता है ? उन्होंने कहा था, “यह ऐसा ही है जैसे कोई इंसान किसी सेक्शुअली रिप्रेस्ड सोसाइटी में बड़ा हो रहा है। आप एक काल कोठरी में रहते हैं। ऐसा अंधेरा, जहां किसी को आने की अनुमति नहीं होती और कंपनी के लिए आपके पास सिर्फ एक टॉर्च होती है। आप अपने अंदर के सीमित स्थान में जवाब तलाश करते हैं। लेकिन ऐसा कोई नहीं होता, जो आपकी फीलिंग को शेयर कर सके। आप कोशिश करते हैं और जवाब मैगजीन, पोर्न और बाहरी दुनिया में घुसपैठ करने वाले शोर में पाते हैं।”
For 13 years we pretended to be cousins so we could rent a home together. We were told ‘keep curtains drawn so neighbors don’t know ‘what’ you are’. We recently bought our own home. Now we voluntarily tell neighbors we are partners 💕. It’s time LGBTQ families are normalised too. pic.twitter.com/kZ9t9Wnc7i
— Apurva (@Apurvasrani) May 29, 2020
‘स्निप’ के लिए मिला था नेशनल अवॉर्ड
अपूर्व ने ‘सत्या’ (1998), ‘स्निप’ (2000), ‘शाहिद’ (2012) और ‘अलीगढ़’ (2015) जैसी फिल्मों की एडिटिंग की है। मनोज बाजपेयी स्टारर ‘अलीगढ़’ की कहानी, स्क्रीनप्ले और डायलॉग्स भी उनके ही थे। उन्हें ‘स्निप’ के लिए बेस्ट एडिटिंग का नेशनल अवॉर्ड मिला था।