मनसुख हिरेन मौत मामला: सबूत की तलाश में NIA वझे को मीठी नदी ले गई, 12 गोताखोरों को पानी में उतारा; नदी से कंप्यूटर CPU, कार की 2 नंबर प्लेट मिलीं
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- NIA Took Me To The Sweet River In Search Of Evidence, Sent 12 Divers Into The Water; Computer CPU, Car’s Number Plate Found From River
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उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर से बरामद विस्फोटकों से भरी स्कॉर्पियो के कथित मालिक मनसुख हिरेन की मौत के मामले में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) रविवार को मामले में आरोपी मुंबई पुलिस के सस्पेंड असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर (API) सचिन वझे को बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में मीठी नदी के पुल पर ले गई। NIA का कहना है कि सचिन वझे ने हार्ड डिस्क मीठी नदी में फेंके थे।
भारी पुलिस बल के बीच 12 गोताखोरों को नदी के अंदर भेजा गया। नदी में गोताखोरों को एक नंबर प्लेट समेत कई अहम सबूत मिले हैं। गोताखोरों ने नदी से कंप्यूटर CPU, 2 नंबर प्लेट और अन्य सामान बरामद किया है। NIA ने कुछ दिन पहले ही इस केस को ATS से अपने हाथ में लिया था।
3 अप्रैल तक रिमांड पर है वझे
NIA ने सचिन वझे को पेश कर 3 अप्रैल तक उसकी रिमांड ली है। वझे ने कोर्ट में कहा था कि मुझे बलि का बकरा बनाया गया है। वहीं, NIA के वकील ने कोर्ट में कहा था कि सचिन वझे के घर से 62 कारतूस बरामद किए गए हैं। ये कारतूस घर में क्यों थे इसका जवाब वझे नहीं दे रहे हैं। इन्हें रखने का मकसद छिपा रहे हैं।
इसके अलावा वझे को बतौर पुलिस अधिकारी 30 कारतूस सरकारी कोटे से दिए गए थे, लेकिन इनमें से सिर्फ 5 उनके पास से मिले 25 बुलेट गायब हैं। ये बुलेट्स कहां गए। इसका जवाब भी वझे नहीं दे रहे हैं।
ATS ने हत्या की गुत्थी सुलझाने का दावा किया
मुंबई की एंटी टेररिज्म स्क्वॉड ( ATS) ने इस गुत्थी को सुलझा लेने का दावा किया है। उसका कहना है कि हिरेन की हत्या में कुल 4 लोगों के शामिल होने के सबूत मिले हैं। इनमें से 3 गिरफ्तार किए जा चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक, इस बात का खुलासा बुधवार को ठाणे कोर्ट के आदेश के बाद NIA को सौंपी रिपोर्ट में हुआ है।
पड़ताल के दौरान ATS को यह भी पता चला है कि मनसुख को क्लोरोफॉर्म सुंघाकर बेहोश किया गया और फिर आराम से उसकी सांस को रोककर उसकी हत्या की गई। हत्या के वक्त सचिन वझे भी मौके पर मौजूद था। ATS को उसकी मोबाइल लोकेशन से इसके पुख्ता सबूत मिले हैं।
मारने के बाद चेहरे पर बांधे गए थे रुमाल
सूत्रों की मानें तो मनसुख के चेहरे पर बंधे 5 रूमालों में क्लोरोफॉर्म डाला गया था और माना जा रहा है कि सांस रोकने के बाद आरोपी कोई चांस नहीं लेना चाहते थे, इसलिए उन्होंने रूमाल को मनसुख के चेहरे पर बांध कर पानी में फेंका था। हालांकि, चेहरे पर बंधे रूमालों को देखकर ही यह अंदेशा लगाया जा रहा था कि मनसुख की हत्या हुई है और उन्होंने सुसाइड नहीं किया है।