सूरत महानगर पालिका चुनाव: भाजपा को 100 से 105, कांग्रेस को 12 से 20, आप को 4 से 8 सीटें मिल सकती हैं, पाटीदार क्षेत्रों में कांग्रेस सीटें गंवा सकती है
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सूरत महानगरपालिका के चुनाव में इस बार 47.14% मतदान हुआ है। यह 2015 की तुलना में 7.21% ज्यादा है। -सिम्बॉलिक इमेज
गुजरात में सूरत महानगर पालिका के 30 वार्डों की 120 सीटों के लिए रविवार को वोटिंग पूरी हो गई। इस बार 47.14% मतदान हुआ है। यह 2015 की तुलना में 7.21% ज्यादा है। पाटीदार क्षेत्रों में 8 से 10% मतदान बढ़ना आम आदमी पार्टी (आप) के लिए संभावना जगाने वाला है।
इस चुनाव का एनालिसिस करने वाले शहर के दो वरिष्ठ पत्रकारों की मानें तो 2015 के मनपा चुनाव की तुलना में इस बार कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है। कांग्रेस की 16 से 22 सीटें घट सकती हैं, भाजपा की 20 से 25 सीटें बढ़ सकती हैं और आप पाटीदार क्षेत्रों से 4 से 12 सीटें हासिल कर सकती है।
पाटीदार आरक्षण समिति (पास) की ओर से कांग्रेस का विरोध, आप का पाटीदारों को टिकट देना और उसी क्षेत्र को केंद्र में रखकर प्रचार करना उसके लिए सुखद परिणाम ला सकता है। भाजपा ने भी पाटीदार क्षेत्रों में रोड शो किया था। यह भाजपा के फेवर में है। हालांकि, भाजपा का 120 सीटों के टारगेट तक पहुंच पाना संभव नहीं लग रहा है। आप खाता खोल सकती है।
वार्ड सीमांकन से भाजपा को होगा लाभ
मनपा चुनाव से पहले वार्ड सीमांकन हुआ था। इसमें जिन वार्डों में कांग्रेस के मतदाताओं की संख्या अधिक थी, उन्हें बांट दिया गया था। इससे पहले से ही कांग्रेस की संभावना कम हो गई थी। 2015 में अनामत आंदोलन के कारण पाटीदार क्षेत्रों में भाजपा के खिलाफ नाराजगी थी। इसका फायदा कांग्रेस को मिला था और वह 116 में से 36 सीटें जीतने में कामयाब हो गई थी।
हालांकि, वराछा और पर्वत पाटिया के अलावा कांग्रेस की मूल सीट मानी जाने वाली रांदेर, मुगलीसरा, आंजणा, उन, लिंबायत, बमरोली और अमरोली के वार्ड को भी 2 से 3 टुकड़ों में बांटकर भाजपा के प्रभुत्व वाली सीटों से जोड़ दिया गया है। इस बार पास कांग्रेस के विरोध में है। इससे उसकी संभावनाएं कम हो गई हैं।
आप के संगठन में पाटीदारों की संख्या ज्यादा, इसलिए उम्मीद
वरिष्ठ पत्रकार नरेश वरिया ने बताया कि पाटीदार क्षेत्रों में मतदान बढ़ने से आम आदमी पार्टी को फायदा हो सकता है। सूरत में आम आदमी पार्टी में पाटीदारों का ही दबदबा है। शहर प्रमुख से लेकर ज्यादातर पदों पर पाटीदार हैं। आप को पाटीदार क्षेत्रों में 4 से 12 सीटें मिल सकती हैं। जो पाटीदार युवा कांग्रेस की ओर चले गए थे वे भाजपा की ओर नहीं गए तब भी भाजपा को फायदा होगा। कांग्रेस को 12 से 16 सीटें, जबकि भाजपा को 100 से 105 सीटें मिल सकती हैं।