टेंशन में प्रिंस सलमान: बाइडेन ने अब तक सऊदी प्रिंस से बातचीत नहीं की; व्हाइट हाउस ने कहा- सही वक्त का इंतजार कीजिए
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सऊदी अरब के प्रिंस सलमान और अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच अब तक बातचीत नहीं हुई है। सलमान को दो मुद्दों पर नए अमेरिकी सरकार की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है। (फाइल)
जो बाइडेन को अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ लिए करीबन एक महीना पूरा होने को है। इस दौरान उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत दुनिया के तमाम बड़े नेताओं से बातचीत की। दुनियाभर की नजरें इस बात पर हैं कि वे अमेरिका के दो सबसे बड़े सहयोगियों इजराइल और सऊदी अरब के शासन प्रमुखों से कब बात करते हैं। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बाइडेन ने बुधवार रात बातचीत कर ली। सऊदी अरब के प्रिंस सलमान को अब भी व्हाइट हाउस से फोन का इंतजार है।
ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कई दशकों के सबसे अहम सहयोगी और अमीर देश के शासक प्रिंस सलमान को बाइडेन आखिर क्यों इंतजार करा रहे हैं। सऊदी को लेकर व्हाइट हाउस के हालिया बयान भी उम्मीद जगाने वाले नहीं रहे।
व्हाइट हाउस का रूखा बयान
मंगलवार को व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी जेन पास्की से सऊदी किंग और बाइडेन की संभावित बातचीत पर सवाल हुआ। उन्होंने कहा- हमने पहले ही साफ कर दिया है कि सऊदी से रिश्तों को लेकर हम कई चीजों पर विचार कर रहे हैं। मुझे लगता है कि सही वक्त का इंतजार करना चाहिए। प्रेसिडेंट बाइडेन सऊदी प्रिंस से कब बात करेंगे, इस बारे में फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता।
दो मुद्दों पर बाइडेन सख्त रहेंगे
अक्टूबर 2018 में वॉशिंगटन पोस्ट के जर्नलिस्ट जमाल खशोगी की तुर्की में सऊदी काउंसलेट में हत्या हुई थी। माना जाता है कि रॉयल फैमिली की आलोचना करने पर उन्हें मारा गया। बाइडेन जब विपक्ष में थे तो उन्होंने सऊदी सरकार पर सीधा निशाना साधा था। अब वे राष्ट्रपति हैं और प्रिंस सलमान जानते हैं कि बाइडेन दोषियों को सजा दिलाने के लिए उन पर दबाव डालेंगे। दूसरा मुद्दा यमन के हूती विद्रोहियों का है। अरब देश इन पर लगातार हमले कर रहा है, लेकिन अमेरिका इनके पक्ष में खड़ा हो गया है।
ट्रम्प से अलग नीति है बाइडेन की
CNN की एक रिपोर्ट के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रम्प के दौर में प्रिंस सलमान को खूब तवज्जो मिली। खशोगी की हत्या का मुद्दा भी नहीं उठा, लेकिन बाइडेन इन सब चीजों को सहन नहीं करेंगे। ये वे पहले ही साफ कर चुके हैं। ट्रम्प के दामाद और मिडल-ईस्ट के लिए उनके स्पेशल एडवाइजर जेरार्ड कुश्नर और प्रिंस के बीच दोस्ताना रिश्ते रहे। ट्रम्प का फोकस अरब देशों और इजराइल के बीच दोस्ताना रिश्ते बनाना था। वे इसमें काफी हद तक कामयाब भी रहे। इजराइली सूत्रों ने साफ कर दिया था कि प्रिंस सलमान और नेतन्याहू के बीच सऊदी अरब में एक सीक्रेट मीटिंग भी हुई थी।
सलमान के सामने नए चैलेंज होंगे
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री केविन रूड ने पिछले दिनों एक आर्टिकल में लिखा- बाइडेन जल्द डेमोक्रेसी समिट करेंगे। इसमें चीन में उईगर मुस्लिमों और दूसरे मानवाधिकारों पर चर्चा होगी। इसमें सऊदी अरब का मुद्दा भी उठेगा। तब प्रिंस सलमान के सामने नए चैलेंज आ सकते हैं। हालांकि, बाइडेन सऊदी पर उतने सख्त नहीं हो सकते, जितने चीन पर। अमेरिका कभी सऊदी अरब को खुद से दूर नहीं होने देगा। दोनों देशों के साझा हित हैं। हां, सऊदी को बाइडेन की कुछ शर्तें जरूर माननी होंगी। दोनों देशों के बीच कुछ मतभेद दिख सकते हैं, लेकिन ये दूर कर लिए जाएंगे।